आज मजदूर दिवस है हम न खुद मजदूर हैं और न सीधे इन मजदूरों के संपर्क में हैं। एक काम वाली बाई ही मजदूरों के नाम पर संपर्क में रहती है।
अभी कुछ दिन पहले छोटे से काम के लिए एक मजदूर लेकर आये थे पूरे दिन की दिहाड़ी तीन सौ रुपए देकर। उसका काम करने का टालू तरीका देख समझ आ गया कि इसे काम बता कर अंदर नहीं जाया जा सकता। खैर उसे बताया क्या करना है कैसे करना है लेकिन उसकी सुस्त रफ्तार देख कोफ्त होने लगी। फिर मैंने उससे कहा अच्छा तुम तो हमेशा ये काम करते हो तुम बताओ कैसे करें? ऐसा काम करके जाओ कि याद रहे कि किसी से काम करवाया था वगैरह वगैरह। उसके बाद उसने काम में मन भी लगाया और फुर्ती से काम भी निपटाया।
काम वाली को आज छुट्टी नहीं दी क्योंकि अभी तीन दिन शादी के लिए छुट्टी ले चुकी है और चार महीने का एडवांस भी। आज पानी के चार डब्बे लेकर आई थी पानी भरने फिर काम न करवाना तो खुद को ठगना हुआ । हर बात में काम न करने को प्रोत्साहित करने के बजाय मेहनत से काम करने की सीख देने और उनकी वक्त जरुरत पर सही सलाह देना प्रोत्साहन देकर आत्मविश्वास बढाना और उनकी जरूरत पर काम आना ज्यादा जरूरी है।
कविता वर्मा
अभी कुछ दिन पहले छोटे से काम के लिए एक मजदूर लेकर आये थे पूरे दिन की दिहाड़ी तीन सौ रुपए देकर। उसका काम करने का टालू तरीका देख समझ आ गया कि इसे काम बता कर अंदर नहीं जाया जा सकता। खैर उसे बताया क्या करना है कैसे करना है लेकिन उसकी सुस्त रफ्तार देख कोफ्त होने लगी। फिर मैंने उससे कहा अच्छा तुम तो हमेशा ये काम करते हो तुम बताओ कैसे करें? ऐसा काम करके जाओ कि याद रहे कि किसी से काम करवाया था वगैरह वगैरह। उसके बाद उसने काम में मन भी लगाया और फुर्ती से काम भी निपटाया।
काम वाली को आज छुट्टी नहीं दी क्योंकि अभी तीन दिन शादी के लिए छुट्टी ले चुकी है और चार महीने का एडवांस भी। आज पानी के चार डब्बे लेकर आई थी पानी भरने फिर काम न करवाना तो खुद को ठगना हुआ । हर बात में काम न करने को प्रोत्साहित करने के बजाय मेहनत से काम करने की सीख देने और उनकी वक्त जरुरत पर सही सलाह देना प्रोत्साहन देकर आत्मविश्वास बढाना और उनकी जरूरत पर काम आना ज्यादा जरूरी है।
कविता वर्मा
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, मजदूर दिवस पर क्या याद आते हैं बाल मजदूर !? “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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