Tuesday, April 29, 2014
Monday, April 21, 2014
Friday, April 18, 2014
बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की: “परछाइयों के उजाले” – आईना ज़िंदगी का
बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की: “परछाइयों के उजाले” – आईना ज़िंदगी का: कविता वर्मा जी के कहानी लेखन से पहले से ही परिचय है और उनकी लिखी कहानियां सदैव प्रभावित करती रही हैं. उनका पहला कहानी संग्रह “परछाइयों क...
Tuesday, April 8, 2014
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अनजान हमसफर
इंदौर से खरगोन अब तो आदत सी हो गई है आने जाने की। बस जो अच्छा नहीं लगता वह है जाने की तैयारी करना। सब्जी फल दूध खत्म करो या साथ लेकर जाओ। ग...
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बात तो बचपन की ही है पर बचपन की उस दीवानगी की भी जिस की याद आते ही मुस्कान आ जाती है। ये तो याद नहीं उस ज़माने में फिल्मों का शौक कैसे और ...
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मधु से मंदिर में मिल कर मधुसुदन को कई पुरानी बातें याद आ गयीं .कैसे उसकी मधु से मुलाकात हुई कब वो प्यार में बदली और फिर समय ने कैसी क...
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जिंदगी के हर कदम हर पड़ाव हर मोड़ पर ,घटनाओं को अलग अलग कोण से देखते हुए बहुत कुछ सीखा जा सकता है.सच तो यही है की हर घटना कुछ सिखाने के लिए ...