Monday, August 22, 2011

जरा देखिये


अन्ना हजारे जी का आन्दोलन देश के हर घर का आन्दोलन बन गया है जिससे पता चलता हैकी सच में लोग भ्रष्टाचार से किस कदर त्रस्त है. इस देश की आबो हवा में बेईमानी इस तरह रच बस गयी है और बेईमानी करने के लिए लोग दिमाग का किस तरह उपयोग करते है इसका एक उदहारण आपके सामने लाना चाहती हूँ . 

ये है बाज़ार में बिकने वाले फेस वाश जो अधिकतर दुकानों में उलटे रखे होते है याने की ढक्कन नीचे .ये पूरे भरे दिखाई देते है कीमत यही कोई ५५-६० रुपये के आसपास. निश्चित तौरपर इस कीमत पर भी कम्पनी इसपर मुनाफा कमाती होगी . इतनी बड़ी ट्यूब  और कीमत ५५- ६० ठीक है चहरे की सुन्दरता के लिए खर्च की जाती है.( वैसे  ट्यूब में उत्पाद  वजन  में भरा जाता है).

ऐसी ही एक ट्यूब जब ख़त्म होने लगी तो खालिस भारतीय आदत ने आखिर के बचे फेस वाश को निकलकर उपयोग करने के लिए उसे उल्टा कर के रख दिया .लेकिन जब दो दिन ,चार दिन बाद भी दीवारों में चिपका फेस वाश नीचे नहीं आया तो ध्यान से देखा ,तब पता चला की वास्तव में तो ट्यूब आधी ही भरी थी और बाकि ट्यूब
में तो अंदर से प्रोडक्ट के रंग का पैंट किया हुआ है.इसमें  नीला ट्यूब बिलकुल खाली है जबकि नारंगी ट्यूब में थोडा सा फेस वाश बाकी है.

अब प्रश्न ये है की :
जब प्रोडक्ट वजन से बेचा जा रहा है  फिर इसकी ट्यूब इतनी बड़ी बनाए की क्या जरूरत है???
अगर बड़ी है तो इसे अंदर से पैंट करने की क्या जरूरत है??
क्या बड़ी ट्यूब में भरी हवा और ट्यूब का वजन भी प्रोडक्ट के वजन में शामिल  है ????
कॉस्मेटिक्स पर वैसे भीसबसे ज्यादा मुनाफा कमाया जाता है फिर इस तरह से प्रोडक्ट की पैकेजिंग क्या सवाल खड़े नहीं करती???? जरा देखिये और सोचिये.......

28 comments:

  1. प्रश्न तो आपके सही हैं।
    तोल-मोल के कम्पनी को नोटिश भेजिए और कोर्ट में खड़े कीजिए।
    सभी कम्पनियाँ ऐसे ही धोखा-धड़ी कर रही हैं। इन्हे न्यायालय के द्वारा ही सबक सिखाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  2. आज 23 - 08 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


    ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
    ____________________________________

    ReplyDelete
  3. सार्थक प्रश्न है ... वैसे ऐसा अभी तक मैंने नहीं देखा किसी ट्यूब में

    ReplyDelete
  4. सच है ...जागरूक रहना होगा ऐसी चालाकियों से ... मैंने भी देखा है ऐसा कई ट्यूबों में ...

    ReplyDelete
  5. बात तो सही है आपकी …………अब तो ललित जी का कहा ही मानिये।

    ReplyDelete
  6. बहुत सही कहा है आपने ।

    ReplyDelete
  7. बहुत सही कहा है आपने. आजकल सभी कम्पनियाँ ग्राहकों को लूटने के नए नए तरीके ईज़ाद कर रही हैं.

    ReplyDelete
  8. दोनों ही यूनिलीवर के उत्पाद हैं...ये एकदम नयी जानकारी है...

    ReplyDelete
  9. कविताजी, आप सही हैं। टूथपेस्ट में भी एसा ही है।

    ReplyDelete
  10. !बात तो बिलकुल सही है ! कंजूमर कोर्ट में शिकायत करे !

    ReplyDelete
  11. देश का पूरा ढांचा ही चरमरा गया है.सब लूट ही तो रहे हैं.
    अन्ना इसी बात की तो लड़ाई लड़ रहे हैं.
    Now ,see what happens.

    ReplyDelete
  12. कविता जी,ट्यूब में भरी हवा की भी तो कीमत होती है.
    आजकल दूध में सिंथैटिक,फल सब्जी इंजेक्शन वाले,
    और न जाने क्या क्या.कन्जूमर कोर्ट में भी सालों
    लगते हैं अब.
    आपकी प्रस्तुति जागरूकता उत्पन्न करती है.
    आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण! दिल को छू गई, शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  14. कल 29/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  15. your blog listed here plz visit ; http://blogrecording.blogspot.com/

    ReplyDelete
  16. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मना ले ईद.
    ईद मुबारक

    ReplyDelete
  17. एक ऐसी बात जिससे उपभोक्ता कुछ सोचने पर मजबूर तो होंगे.

    यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
    अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://no-bharat-ratna-to-sachin.blogspot.com/

    ReplyDelete
  18. कविता जी, सीधी सी बात है कि इस तरह से कंपनिया एक तरह से ग्राहकों को बेवकूफ ही बना रही हैं।

    ------
    कसौटी पर अल्‍पना वर्मा..
    इसी बहाने बन गया- एक और मील का पत्‍थर।

    ReplyDelete
  19. kavita ji sawal to aapne bikul sahi uthaya hai .kash koi samjhe ki kaise koi hume loot raha hai ..............

    ReplyDelete
  20. कविता जी आपके ब्लाग को पहली बार देखा है । इस पोस्ट के साथ पिछली भी कुछ रचनाएं पढी है । उनमें हृदय की सच्चाई है इसलिये प्रभावित करतीं हैं ।

    ReplyDelete
  21. अरे.. ऐसा भी होता है। मैने तो ध्यान ही नहीं दिया।

    ReplyDelete
  22. Kavita jee आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
    आप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए..
    MADHUR VAANI कृपया यहाँ चटका लगाये
    BINDAAS_BAATEN कृपया यहाँ चटका लगाये
    MITRA-MADHUR कृपया यहाँ चटका लगाये

    ReplyDelete
  23. मेरे ब्लॉग पर आईयेगा कविता जी.

    ReplyDelete
  24. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 15 -09 - 2011 को यहाँ भी है

    ...नयी पुरानी हलचल में ... आईनों के शहर का वो शख्स था

    ReplyDelete
  25. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  26. बहुत सही कहा है आपने ।

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणियाँ हमारा उत्साह बढाती है।
सार्थक टिप्पणियों का सदा स्वागत रहेगा॥

नर्मदे हर

 बेटियों की शादी के बाद से देव धोक लगातार चल रहा है। आते-जाते रास्ते में किसी मंदिर जाते न जाने कब किस किस के सामने बेटियों के सुंदर सुखद जी...