नईदुनिया नायिका में प्रकाशित १० जुलाई २०११ "जीजी तूने चिठ्ठी नहीं लिखी"
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अनजान हमसफर
इंदौर से खरगोन अब तो आदत सी हो गई है आने जाने की। बस जो अच्छा नहीं लगता वह है जाने की तैयारी करना। सब्जी फल दूध खत्म करो या साथ लेकर जाओ। ग...
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#घूंट_घूंट_उतरते_दृश्य एक तो अनजाना रास्ता वह भी घाट सड़क कहीं चिकनी कहीं न सिर्फ उबड़ खाबड़ बल्कि किनारे से टूटी। किनारा भी पहाड़ तरफ का त...
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भास्कर मधुरिमा पेज़ २ पर मेरी कहानी 'शॉपिंग '… http://epaper.bhaskar.com/magazine/madhurima/213/19022014/mpcg/1/
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आईने में झांकते देखते अपना अक्स नज़र आये चहरे पर कुछ दाग धब्बे अपना ही चेहरा लगा बदसूरत ,अनजाना घबराकर नज़र हटाई अपने अक्स से और देखा...
बधाइयाँ
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत अंदाज बधाई !!
ReplyDeleteमेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए।