टेसू का नाम आते ही गहरे नारंगी लाल रंग के फूलों की तस्वीर आँखों में आ जाती है। होली के पहले ही इनकी आमद हो जाती है और ऐसा लगता है मानों जंगल में आग लगी हो।
खरगोन जाते हुए जंगल से भरी घाटियाँ पड़ती हैं। घाट सेक्शन में सफर मेरे लिए बहुत मुश्किल होता है लेकिन फिर भी इस जंगल का मोह मुझे इसी रास्ते पर ले जाता है।
इस साल टेसू जी खोल कर फूला है। जंगल में दूर दूर तक लाल फूलों से लदे पेड़ बार बार रुकने को मजबूर करते हैं लेकिन रुक जाने भर से मन नहीं भरेगा और मंजिल तक पहुँचना मुश्किल हो जायेगा इसलिये बस चलते रहते हैं।
पतिदेव के प्रमोशन के साथ एक मुश्किल यह हुई कि अब उनका इंदौर आना जाना कम हो गया। हेडक्वार्टर न छोड़ने की मजबूरी लेकिन मुझे तो इंदौर खरगोन दोनों ही घर देखना है।
होली पर अकेले ही थी लेकिन रंगपंचमी साथ मनाने के लिए आज सुबह इंदौर से अकेले ही गाड़ी लेकर निकल पड़ी।
गाड़ी तो लेने आ भी जाती लेकिन सामने सीट पर सफर में इतने चक्कर आते हैं कि पीछे सीट पर बैठ कर सफर बिलकुल असंभव है।
तो हुआ यह कि गाड़ी तो अपनी पूरी रफ्तार में थी टेसू लाल रंग दिखा रोक रहे थे लेकिन मन कड़ा कर उन्हें बाय कहते बढ़ती जा रही थी। एक कारण और था रास्ते में न रुकने का। कई जगह साथ चलती गाड़ी ओवरटेक करते लोग गाड़ी में झांक कर सुनिश्चित कर रहे थे कि बयडी अकेली छे।
तभी अचानक ऐसा कुछ दिखा कि अस्सी की गति को झटके से विराम देना पड़ा।
अहा सड़क किनारे केसरिया रंग का टेसू।
टेसू या पलाश का एक और रंग है पीला यह तो पता था। घाटी में पीले रंग के टेसू के आठ दस पेड़ हैं जिन्हें पिछली बार भी देखा था और पिछले बरस भी। उनके बारे में लिखा नहीं क्योंकि फिर शायद वे फूल बच नहीं पाते लेकिन यह तो एक अनोखा रंग है।
गाड़ी तुरंत पीछे ली और दो चार फोटो लीं। अहा आज की यात्रा का प्रतिसाद। मन तो नहीं था कि इस दुर्लभ पेड़ के बारे में बताऊँ क्योंकि ज्यादा जानकारी पेड़ के लिए खतरा हो सकती है लेकिन दुर्लभ है इसलिए जानकारी देना जरूरी है ताकि संरक्षण किया जा सके।
अगर आपको सफर में यह पेड़ दिखे तो बस दूर से देखिये फोटो लीजिये फूल तोड़ने की कोशिश मत कीजिये क्योंकि एक पेड़ के फूलों पर ही बीज बनाने का और अपनी प्रजाति को बचाने का भार होता है।
फोटो में तीनों रंग के टेसू देखिये और प्रकृति द्वारा दी जा रही होली और रंगपंचमी की शुभकामनाओं को दिल से महसूस कीजिये।
रोचक यात्रा रही होगी ये। ब्लॉग में फोटो नहीं आए हैं। आते तो टेसू देखने को मिल पाते। हमारे उत्तराखंड में ऐसे ही बुरांस के फूल होते हैं। चटख लाल रंग के। रास्ते से जाओ तो आपको थमने पर मजबूर कर देते हैं।
ReplyDeleteजी बहुत कोशिश की लेकिन फोटो अपलोड नहीं कर पा रही हूँ। बुरांश के फूलों का जिक्र लगभग हर पहाड़ी कहानी में पढ़ा है।
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