Saturday, November 16, 2013

चीनी वितरण

 
एक बड़ी सी बस्ती में कई सारे लोग रहते थे।  उनमे थे एक मिस्टर अ। मिस्टर अ को चीनी बांटने का अधिकार था। उन्होंने एक बार बस्ती की ही मिस एम को खुश हो कर एक कटोरी चीनी दे दी।  सारी बस्ती ही बड़ी खुश थी क्योंकि मिस एम बहुत भली और होनहार थीं और सभी चाहते थे कि उन्हें एक कटोरी चीनी दी जाना चाहिए।  मिस एम अपने एक जान पहचान वाले मिस्टर सी को भी चीनी दिलवाना चाहती थीं उन्होंने कई बार दबी जुबान से इसका जिक्र किया लेकिन कुछ दूसरे लोग मिस्टर सी को चीनी पाने का हक़दार नहीं मानते थे इसलिए बात बनी नहीं ,बस विचार चलता रहा।  

उसी बस्ती में एक थे मिस्टर ब। न जाने किन कारणों से मिस्टर अ और ब के बीच बनती नहीं थी।एक बार जब बस्ती कि चौपाल में सभी इकठ्ठे थे मिस एम ने मिस्टर अ के सामने मिस्टर ब कि तारीफ कर दी  . बस फिर क्या था मिस्टर अ आगबबूला हो गए और उन्होंने आव देखा न ताव और सभी के सामने मिस एम से उनकी दी हुई एक कटोरी चीनी वापस मांग ली।  ये सुन कर सभी दंग रह गए और इस बात की सभी ने बहुत आलोचना की।  खुद मिस्टर अ के घरवाले भी उनकी इस बात पर उनसे नाराज़ हुए। 

मिस्टर अ को लगा इस तरह उनकी बहुत बदनामी होगी और हो सकता है उनका चीनी बांटने का अधिकार ही छीन लिया जाये। वे बड़े परेशान हुए। तभी पता चला मिस्टर सी बस्ती से जाने वाले हैं और बस्ती के कई लोग इस बात से बहुत दुखी हैं। बस मिस्टर अ ने सोचा कि इस मौके को भुनाना चाहिए ताकि वे बस्ती वालों की नज़रों में अपनी गिरी हुई इज्ज़त को वापस पा सके और इस बहाने शायद उनका चीनी बांटने का अधिकार बचा रह जाये।  

तो जिस दिन मिस्टर सी जाने वाले थे मिस्टर अ ने उन्हें हाथों हाथ लिया उन्हें बहुत प्रेम से भावुक हो कर एक कटोरी चीनी अपने हाथ से भेंट करने का एलान किया। 
अब बस्ती वाले खुश है इतने खुश कि जो लोग मिस्टर सी को चीनी का हकदार नहीं मानते थे वे भी फीकी सी मुस्कान के साथ चीनी दिए जाने का कारण समझने की  कोशिश करते हुए विदाई समारोह में शामिल हो गए है।  
कविता वर्मा 

12 comments:

  1. भले ही मिस्टर "सी" से पहले लाइनें लगी हो लेकिन मिस्टर सी अपने खेमे का है इसलिए सी को पहले चीनी दे दी।
    गज़ब का व्यंग किया आज आपने।

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  2. kuch symble ke jariye kis khubsurti se aapne apne vicharon ko rakhen....ek naya idea...wah.

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  3. बड़े शहरों में ऐसा ही होता है...

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (17-11-2013) को "लख बधाईयाँ" (चर्चा मंचःअंक-1432) पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    गुरू नानक जयन्ती, कार्तिक पूर्णिमा (गंगास्नान) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. गहरी .. अर्थपूर्ण कहानी ...

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  6. जय हो कहीं ये चीनी की कटोरी वही तो नहीं जिसे सरकार और मीडिया कल्हे से भारत रतन के नाम से पुकार रहा है डिरिया डिरिया के जी ....सीधा कनपट्टी के नीचे सटा के कट्टा दबा दिया आपने तो :) :)
    मेरे दिमाग में आज डाउनलोड होते विचार

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  7. गहरी एवं अर्थपूर्ण लघु कथा.
    नई पोस्ट : मेघ का मौसम झुका है

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  8. It was fun reading it..
    intended pun was beautifully presentetd

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  9. सटीक व्यंग, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  10. बेचारे भोले भले लोग ...

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