बारहवीं की पढाई के साथ हो जाती है जद्दोजहद आगे की पढ़ाई की .आज के समय में कई प्रोफेशनल कोर्स हैं जिनमे बच्चे अपनी रूचि अनुसार जा सकते हैं इनमे कई जाने माने कोर्स जैसे इंजिनीअरिंग ,मेडिकल, सी ए ,सी एस ,एम् बी ए, के बारे में जानकारी हर कहीं उपलब्ध है लेकिन फिर भी कई कोर्स ऐसे हैं जिनके बारे में जानकारी तो फिर भी जुटाई जा सकती है लेकिन उसके लिए अलग अलग राज्यों में कोई तालमेल नहीं है .
आर्किटेक्चर कॉलेज में एडमिशन के लिए आई आई टी की में एग्जाम के साथ ही सेकंड पेपर होता है जिसकी मेरिट लिस्ट बारहवीं के मार्क्स के साथ बनती है .देश में सिर्फ दो आई आई टी हैं जिनमे आर्किटेक्चर के कोर्स हैं रुड़की और खड़गपुर जिनमे अस्सी अस्सी सीट्स हैं .आई आई टी का पहला पेपर पंद्रह अप्रेल को हुआ था और बारहवीं का रिजल्ट चौबीस मई को आ गया इसके बावजूद भी अब तक आई आई टी का रिजल्ट घोषित नहीं हुआ .इसलिए बच्चे राज्य के कॉलेज में रजिस्ट्रेशन करवाने को विवश हैं .
इसी रिज़ल्ट पर नॅशनल कॉलेज में एडमिशन मिलेंगे .सिर्फ सात नॅशनल कॉलेज में आर्किटेक्चर का कोर्से है हमीरपुर ( हिमाचल प्रदेश ) ,जयपुर ( राजस्थान ), पटना ( बिहार), नागपुर ( महाराष्ट्र) भोपाल ( मध्य प्रदेश) और कोझिकोडा (केरल) .जिन बच्चों को आई आई टी में प्रवेश नहीं मिलेगा उन्हें नॅशनल कॉलेज में प्रवेश मिलेगा .
राज्यों के कॉलेज में एडमिशन के लिए या तो वहां की कॉमन एंट्रेंस एग्जाम देना होती है या नॅशनल एप्टी टेस्ट फॉर आर्किटेक्चर (NATA ) .
अलग अलग राज्यों में इस कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आपको बताना चाहती हूँ .
मध्य प्रदेश : यहाँ पी एम् टी देने वालों को NATA देना जरूरी होता है .तभी आर्किटेक्चर कॉलेज में एडमिशन मिलता है .इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 22 जून को ख़त्म हो गयी .इसी के साथ अपने पसंद के कॉलेज को लॉक करने के लिए हर पसंद के लिए 1100 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट देना था .मतलब यदि आपने पांच कॉलेज लॉक किये तो 5500 रुपये . काउंसलिंग की प्रक्रिया अभी शुरू होना है .
महाराष्ट्र : यहाँ MCET और NATA से एडमिशन मिलता है .NATA से एडमिशन के लिए 1500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट के साथ फॉर्म जमा करवाने की आखरी तारिख थी पंद्रह जून . इसकी मेरिट लिस्ट आ चुकी है और एक जुलाई से काउंसलिग शुरू होने वाली है .
गुजरात : यहाँ के लिए 350 रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के साथ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो गयी है .लिस्ट का ? है .
राजस्थान :- यहाँ का प्रोसिजर बड़ा विचित्र है .राजस्थान PET (RPET) के नाम से 11000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बनवाना है .इसके बाद काउंसलिंग शुरू होगी इसमें अगर किसी कॉलेज में आपको एडमिशन मिलता है तो आप के 10000 रुपये फीस में जमा हो जायेंगे सिर्फ एक हज़ार रुपये राजिस्त्रशन के है .लेकिन अगर एडमिशन मिल रहा है और आप नहीं लेना चाहते तो पूरे रुपये मतलब ग्यारह हज़ार डूब जायेंगे . मतलब अगर आपने रजिस्ट्रेशन करवा लिया तो एडमिशन लेना ही है .
MATA आर्किटेक्चर की ही एग्जाम है इसके बाद ओन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एक छोटा मोटा अमाउंट तो ठीक है लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तो हद से ज्यादा व्यावसायिक प्रक्रिया है .मध्य प्रदेश में कुल ४ कॉलेज हैं जिनमे ये कोर्स है .इनके कट ऑफ़ भी किसी वेब साईट पर नहीं मिलते जिसके आधार पर बच्चे या पालक अंदाज़ा लगा सके की उनके स्कोर पर उन्हें कौन सा कॉलेज मिल जायेगा या कितने कॉलेज लॉक करना चाहिए .
महाराष्ट्र CET से सिर्फ सरकारी कॉलेज ही मिल सकते है जिनकी फीस कम या कहें नहीं के बराबर है . जे जे स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर जो सबसे विख्यात कॉलेज है की फीस वहां के प्रायवेट कॉलेज से पांच गुना तक कम है .
इसके अलावा एनी राज्यों में भी प्रक्रिया इससे बहुत अलग तो क्या होगी ?
गुजरात के किसी कॉलेज की फीस उसकी वेब साईट पर नहीं दी है .यही हाल मध्य प्रदेश और राजस्थान का भी है .न ही फोन पर ऐसी जानकारी दी जाती है .
व्यावसायिक शिक्षा के लिए पूरे देश के कॉलेज की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया काउंसलिंग की तारीख में समानता होनी चाहिए जिससे बच्चे जहाँ चाहे एडमिशन ले सकें .रजिस्ट्रेशन की फीस कहीं तो न्याय सांगत होनी चाहिए ताकि हर स्तर के बच्चे उनमे रजिस्ट्रेशन करवा सकें .
कविता वर्मा
आज शिक्षा एक व्यापार हो गया है और सभी शिक्षा के नाम पर आर्थिक शोषण में लगे हुए हैं...
ReplyDeleteशिक्षा के नाम पर लूट,,,
ReplyDeleteRecent post: एक हमसफर चाहिए.
शिक्षा तो अब सेवा ना होकर खुला व्यापार बना दी गई है. इस व्यवसायीकरण ने बहुत मुश्किलें बढा दी है.
ReplyDeleteरामराम.
इस सब के बाद भी अगर उच्कोकोटि की शिक्षा मिले तो बात समझी जा सकती है. ऐसा भी नहीं है शिक्षा का स्तर भी दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है.
ReplyDeleteसमझना मुश्किल है कि हम आगे जा रहे है या पीछे......क्या हालत बना दी है देश की इन लोगो ने......
ReplyDeleteyes you are right now this becomes a business .sad but true !
ReplyDeleteशिक्षा का स्तर भी दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है.
ReplyDeleteशिक्षा जब व्यवसाय बन गयी तो इन सब से क्या परहेज.बदले भी कैसे,सब कॉलेज सरकारी कम प्राइवेट ज्यादा हैं और वे भी नेताओं के या उनके संपर्क वालों के.शिक्षा का बेडा गर्क ये ही कर रहे हैं.
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ReplyDeleteआपने शिक्षा के व्यावसायिकरण को देर से पहचाना हम तो गुरु जी हैं पहले से जानते हैं
ReplyDeleteहम बेबस ..लाचार...
ReplyDeleteआज सबकुछ व्यापार है शिक्षा के अलावा भी मंदिरो और मस्जिदों में भी...
ReplyDeleteक्या कहें... शिक्षा तो आज व्यापार ही हो गयी है...!
ReplyDeletebilkul sahi likha aapne,har maa-papa ko ye jhelna padta hai,hum bebas se rah jate hain,har jagah cochin me result ke pahle admission ka samay tay rahta hai,tej bachhe ka to phir bhi thik hai,samany bachhe ko mushkil......
ReplyDeleteomg ऐसा, मुझे तो इतनी बारीक जानकारी आज हुई।
ReplyDeleteये वाकई बड़ा मुद्दा है।
सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें .
कोई कंट्रोल नहीं व्यवस्था का ..
ReplyDeleteशिक्षा लूट का माध्यम बन के रह गई है आज ... और सबसे ज्यादा लूट इसी व्यवसाय में रह गई है ...
ReplyDeleteशिक्षा को जब व्यवसाय समझ कर चलाया जा रहा हो तो उनसे विद्यार्थियों के हित या शिक्षा के स्तर में सुधार की आशा व्यर्थ है. राजनीतिज्ञों के अपने हित के कारण इस व्यवस्था में सुधार की भी कोई आशा नहीं है.
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