Friday, April 12, 2013
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अनजान हमसफर
इंदौर से खरगोन अब तो आदत सी हो गई है आने जाने की। बस जो अच्छा नहीं लगता वह है जाने की तैयारी करना। सब्जी फल दूध खत्म करो या साथ लेकर जाओ। ग...
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बात तो बचपन की ही है पर बचपन की उस दीवानगी की भी जिस की याद आते ही मुस्कान आ जाती है। ये तो याद नहीं उस ज़माने में फिल्मों का शौक कैसे और ...
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मधु से मंदिर में मिल कर मधुसुदन को कई पुरानी बातें याद आ गयीं .कैसे उसकी मधु से मुलाकात हुई कब वो प्यार में बदली और फिर समय ने कैसी क...
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जिंदगी के हर कदम हर पड़ाव हर मोड़ पर ,घटनाओं को अलग अलग कोण से देखते हुए बहुत कुछ सीखा जा सकता है.सच तो यही है की हर घटना कुछ सिखाने के लिए ...
कविता जी मेरा ब्लाॅग देखिएगा इस लिहाज से कि प्रकाशित कहानियों के साथ पूरी कहानी को कैसे पढ़ाया जाए। शायद आपको मेरा तरीका पसंद आएगा। आशा है अन्यथा नहीं लेंगी। आपकी कहानी पढ़ना चाहता हूं।
ReplyDeletehttp://alwidaa.blogspot.in/search/label/%E0%A4%95%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A5%9C%20.....story%20%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%B0%20%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%80%20%E2%80%98%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%81%E2%80%99
http://alwidaa.blogspot.in/
ReplyDeleteवाह!!! बहुत बढ़िया | आनंदमय | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteबहुत - बहुत बधाईयाँ कविता जी |
ReplyDeleteजानकार हार्दिक खुशी हुई,बहुत२ बधाई कविता जी ...
ReplyDeleteRecent Post : अमन के लिए.
बहुत-बहुत मुबारकबाद
ReplyDeletewow.. congratulations !!
ReplyDeleteप्रकाशन के लिए बधाई
ReplyDeleteबधाई कविता जी.
ReplyDeleteनवसंवत्सर की शुभकामनाएँ.
बधाई ... प्रकाशन पे बधाई ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई कविता जी.
ReplyDeletebadhai prakashan ke liye .. hamne padhi thi.. :)
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