Friday, April 12, 2013
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अनजान हमसफर
इंदौर से खरगोन अब तो आदत सी हो गई है आने जाने की। बस जो अच्छा नहीं लगता वह है जाने की तैयारी करना। सब्जी फल दूध खत्म करो या साथ लेकर जाओ। ग...
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#घूंट_घूंट_उतरते_दृश्य एक तो अनजाना रास्ता वह भी घाट सड़क कहीं चिकनी कहीं न सिर्फ उबड़ खाबड़ बल्कि किनारे से टूटी। किनारा भी पहाड़ तरफ का त...
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भास्कर मधुरिमा पेज़ २ पर मेरी कहानी 'शॉपिंग '… http://epaper.bhaskar.com/magazine/madhurima/213/19022014/mpcg/1/
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आईने में झांकते देखते अपना अक्स नज़र आये चहरे पर कुछ दाग धब्बे अपना ही चेहरा लगा बदसूरत ,अनजाना घबराकर नज़र हटाई अपने अक्स से और देखा...
कविता जी मेरा ब्लाॅग देखिएगा इस लिहाज से कि प्रकाशित कहानियों के साथ पूरी कहानी को कैसे पढ़ाया जाए। शायद आपको मेरा तरीका पसंद आएगा। आशा है अन्यथा नहीं लेंगी। आपकी कहानी पढ़ना चाहता हूं।
ReplyDeletehttp://alwidaa.blogspot.in/search/label/%E0%A4%95%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A5%9C%20.....story%20%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%B0%20%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%80%20%E2%80%98%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%81%E2%80%99
http://alwidaa.blogspot.in/
ReplyDeleteवाह!!! बहुत बढ़िया | आनंदमय | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteबहुत - बहुत बधाईयाँ कविता जी |
ReplyDeleteजानकार हार्दिक खुशी हुई,बहुत२ बधाई कविता जी ...
ReplyDeleteRecent Post : अमन के लिए.
बहुत-बहुत मुबारकबाद
ReplyDeletewow.. congratulations !!
ReplyDeleteप्रकाशन के लिए बधाई
ReplyDeleteबधाई कविता जी.
ReplyDeleteनवसंवत्सर की शुभकामनाएँ.
बधाई ... प्रकाशन पे बधाई ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई कविता जी.
ReplyDeletebadhai prakashan ke liye .. hamne padhi thi.. :)
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