बेटमा,देपालपुर के बाद अब इंदौर.विश्वास ही नहीं हो रहा है की ये वही इंदौर है जहाँ लोग अपने पूरे परिवार के साथ आधी रात तक घूमते थे.मुझे याद है जब में ९थ में पढ़ती थी मेरे घर से दूसरी गली में रहने वाली एक सहेली के यहाँ रात में पढ़ने जाती थी.ओर रात में २-३ बजे जब पढाई ख़त्म होती तब वापस अपने घर लौट आती थी.अकेले.कभी कोई डर नहीं लगा न ही ऐसा लगा की कोई लेने आये अकेले घर कैसे जायेंगे. क्या ये वही इंदौर है???
अभी पिछले हफ्ते ही खबर आयी थी की बेटमा में दो नाबालिग लड़कियों के साथ गेंग रेप हुआ लगभग १६- १७ लड़कों ने उन्हें फ़ोन कर के धमका कर बुलाया ओर ये कांड किया साथ ही उनका एम् एम् एस भी बना लिया.ओर तो ओर जब उनकी चीखें सुन कर कुछ किसान उन्हें बचाने आये तो वे भी इस कृत्य में शामिल हो गए. इसमें ज्यादातर रसूखदार लोगो के लड़के थे जिनकी उम्र १८ से २२ साल के बीच है.जब ये एम् एम् एस परिवार के ही लोगों के मोबाईल पर आया तब पीड़ित परिवार ने पोलिसे की शरण की.
ओर आज फिर सुबह का अख़बार मनहूस खबर लाया एक विवाहित महिला अपने पति के साथ मोतोर्कैकिल से मंदिर के दर्शन कर के लौट रही थी तब दो लोगो ने खुद को क्राइम ब्रांच का कर्मचारी बता कर उन्हें पास के ढाबे में चलने को कहा जहाँ उसके पति के साथ मारपीट हुई ओर महिला को जबरन शराब पिला कर ८ लोगो ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. इसके साथ ही चार अन्य ख़बरें मूकबधिर से ,मंद्बुद्ध्धि से,नाबालिग से ओर दो सगी बहनों से बलात्कार की ख़बरें भी मुख्य पृष्ठ पर है.
अभी जहाँ मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री जोर शोर से बेटी बचाओ अभियान चला रही है. मध्य प्रदेश में बहन बेटियों की सुरक्षा की हालत चिंताजनक है.
इंदौर में वैसे भी पोलिसे के भेष में ठगी करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. लोग खुले आम वर्दी में या नकली आई कार्ड बना कर लोगो को ठगते है ओर पोलिसे उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती. इंदौर तेज़ी से बढ़ता शहर है लेकिन विकास इस कीमत पर??? आखिर कैसे लोगों के हौसले इस कदर बढ़ गए की वो इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे देते है? क्यों लोगों में पुलिस का डर नहीं रह गया? क्यों पुलिसे ने अपने आप को इस कदर नाकारा घोषित कर दिया ??
बेटी बचाओ ,लाडली लक्ष्मी ओर कन्यायों के मामा बने मुख्य मंत्रीजी अब तो जागो?इन कन्यायों की सुरक्षा के लिए.