आज एक सहेली के आग्रह पर स्कूल के नाटक के लिए कुछ लाइन लिखी थी।।
लड़कियों की शिक्षा
उन्हें भी है पनपने का पूरा अधिकार।
उचित देखभाल,भोजन और पढाई
लड़कियों की उन्नति से ही
दोनों घरों में खुशहाली है छाई।।
भ्रूण हत्या
बाबा मैं भी हूँ तुम्हारा ही अंश
मानों तो चलाऊँगी तुम्हारा ही वंश।
करुँगी जग में रोशन नाम तुम्हारा
न रोको इस दुनिया में आने से
पाने दो मुझे भी प्यार तुम्हारा।।
दहेज़
ना तौलो मान मेरा सोने-चांदी से
बड़ी आस से आयी हूँ अपना नैहर छोड़ के।
अपना लो मुझे अपनी बेटी समझ के
पा जाऊं तुममे मेरे माँ-बाबा प्यारे से।
बन जाये फिर इक संसार प्यारा प्यारा
जो हो कीमती हर इक दहेज़ से।
बाल विवाह
बचपन के झूले, गुड़ियों के खेल,
अम्मा की गोदी, सखियों का मेल,
भाई का प्यार, बाबा का दुलार,
सुख की नींद, भोला संसार,
न छीनो मुझसे करके बचपन में ब्याह
अम्मा ये है मेरी छोटी सी चाह।।
बालिका शिक्षा , भ्रूण हत्या , दहेज़ और बाल विवाह को सजीव कराती रचना ..
ReplyDeletesabhi rachnayen behtareen hain...!
ReplyDeleteसभी रचनाओं का बहुत उम्दा सृजन,,,, बधाई।
ReplyDeleterecent post हमको रखवालो ने लूटा
सुन्दर सार्थक सृजन... हर क्षणिका लाज़वाब है कविता जी...
ReplyDeleteहर क्षणिका लाजवाब .....
ReplyDeleteभ्रूण हत्या से घिनौना ,
ReplyDeleteपाप क्या कर पाओगे !
नन्ही बच्ची क़त्ल करके ,
ऐश क्या ले पाओगे !
जब हंसोगे, कान में गूंजेंगी,उसकी सिसकियाँ !
एक गुडिया मार कहते हो कि, हम इंसान हैं !
बेहद सशक्त भाव लिये हर क्षणिका ... उत्कृष्ट लेखन
ReplyDeleteसार्थक क्षणिकाएँ
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और यथार्थ के करीब
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
बहुत ही चिंताजनक विषयों को केंद्रित कर सुंदर क्षणिकाएँ रची है. उत्कृष्ट लेखन के लिये बधाई.
ReplyDeleteविषय को सजीव किया है कुछ ही शब्दों में ... इन क्षणिकाओं के माध्यम से ...
ReplyDeletesarthak rachna...
ReplyDeletebahut hi dil ko chhune wali...
बहुत लाज़वाब क्षणिकाएं...काश यह सभी समझ सकें...
ReplyDeleteवर्ष 2013 आपको सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो ।शासन,धन,ऐश्वर्य,बुद्धि मे शुद्ध-भाव फैलावे---विजय राजबली माथुर
ReplyDeleteबहुत प्रभावी क्षणिकाएं...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteकविता जी नव वर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसभी महत्वपूर्ण विषयों को छुआ आपने
ReplyDeleteकादम्बिनी जनवरी अंक में आपकी कविता भी अच्छी लगी
सार्थक रचनाएँ...
ReplyDeleteबहुत बढ़ियाँ...