उस पुरानी पेटी के तले में
बिछे अख़बार के नीचे
पीला पड़ चुका वह लिफाफा.
हर बरस अख़बार बदला
लेकिन बरसों बरस
वहीँ छुपा रखा रहा वह लिफाफा.
कभी जब मन होता है
बहुत उदास
कपड़ों कि तहों के नीचे
उंगलियाँ टटोलती हैं उसे
उसके होने का एहसास पा
मुंद जाती है आँखे
काँधे पर महसूस होता है
एक कोमल स्पर्श
कानों में गूंजती है एक आवाज़
में हूँ हमेशा तुम्हारे साथ
बंद कर पेटी
फिर छुपा दिया जाता है उसे
दिल कि अतल गहराइयों में
फिर कभी ना खोलने के लिए
उसमे लिखा रखा है
नाम पहले प्यार का.
बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति ।।
ReplyDeleteसारे दुःख की जड़ यही, रखें याद संजोय |
समय घाव न भर सका, आँखे रहें भिगोय ।
आँखे रहें भिगोय, नहीं मांगें छुटकारा ।
सीमा में चुपचाप, मौन ही नाम पुकारा ।
रविकर पहला प्यार, हमेशा हृदय पुकारे ।
दिख जाये इक बार, मिटें दुःख मेरे सारे ।।
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Deleteक्षमा करें ।
dineshkidillagi.blogspot.com
पर यह लिंक सहित है
अति सुन्दर..
ReplyDeleteवाह !!!!! बहुत सुंदर रचना,क्या बात है,बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति,
ReplyDeleteMY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तुम्हारा चेहरा,
बहुत बढिया
ReplyDeleteएक सहारा सदा के लिए....
ReplyDeleteसादर।
पहले प्यार और उसकी कशिश कभी नहीं भुलाई जा सकती
ReplyDeleteखूबसूरत एहसास ॥
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 29-०३ -2012 को यहाँ भी है
.... नयी पुरानी हलचल में ........सब नया नया है
बहुत ही खूबसूरत ज़ज्बात और उतनी ही सच्चाई से उकेरा गया ....सच कहा ऐसी ही कुछ धरोहरों के सहारे ज़िन्दगी बीत जाती है .....
ReplyDeletebahut pyaare komal ehsaason ko shabdbadh ki ya hai .bahut achcha laga padhkar.
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब ... पढते पढते एहसास कहीं दूर ले जाते हैं ... इजन शब्दों से परे ... अतीत की यादों में ...
ReplyDeleteअनुपम भाव संयोजन लिए हुए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति...
ReplyDeleteअत्यंत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteबंद कर पेटी
ReplyDeleteफिर छुपा दिया जाता है उसे
दिल कि अतल गहराइयों में
फिर कभी ना खोलने के लिए
उसमे लिखा रखा है
नाम पहले प्यार का.
खूबसूरत
यह लिफाफा , जीवन की सुन्दर पल है !
ReplyDeleteपिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
ReplyDelete....... खूबसूरत रचना के लिए बधाई स्वीकारें.
pahla pyar bas pahla hota h......
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