जाने किसमे क्या
तलाशती है जिंदगी
एक अनबुझी प्यास सी जिंदगी
प्यास में भी आस को
तलाशती है जिंदगी।
मिले जो राहों में
ठिठक कर उनका
साथ चाहती है जिंदगी
चलते चार कदम साथ उनके
उन्हें अपना सा ढालना
चाहती है जिंदगी।
ढले जो मन के अक्स में
उस पर इठलाती है जिंदगी
फिर क्यों बदलने की
शिकायत करती है जिंदगी
बदलती राहों में
साथ पुराना चाहती है जिंदगी
फिर क्यों हर नयी राह पर
बदलाव चाहती है जिंदगी
मेरा नया ब्लॉग कहानी kahani
http://kahanikahani27.blogspot.in/
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteक्या बात
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसार्थक सुंदर प्रभावी रचना,,,
ReplyDeleterecent post...: अपने साये में जीने दो.
बहुत खूब ...जिंदगी को तलाशती जिंदगी
ReplyDeleteजाने किसमें क्या तलाशती है ज़िंदगी…
वाऽऽह !
आदरणीया कविता जी
सुंदर रचना …
ब्लॉग भी बहुत अच्छा लगा ।
शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
shukriya rajendra ji..
Deleteप्रिय ब्लॉगर मित्र,
ReplyDeleteहमें आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है साथ ही संकोच भी – विशेषकर उन ब्लॉगर्स को यह बताने में जिनके ब्लॉग इतने उच्च स्तर के हैं कि उन्हें किसी भी सूची में सम्मिलित करने से उस सूची का सम्मान बढ़ता है न कि उस ब्लॉग का – कि ITB की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉगों की डाइरैक्टरी अब प्रकाशित हो चुकी है और आपका ब्लॉग उसमें सम्मिलित है।
शुभकामनाओं सहित,
ITB टीम
http://indiantopblogs.com
पुनश्च:
1. हम कुछेक लोकप्रिय ब्लॉग्स को डाइरैक्टरी में शामिल नहीं कर पाए क्योंकि उनके कंटैंट तथा/या डिज़ाइन फूहड़ / निम्न-स्तरीय / खिजाने वाले हैं। दो-एक ब्लॉगर्स ने अपने एक ब्लॉग की सामग्री दूसरे ब्लॉग्स में डुप्लिकेट करने में डिज़ाइन की ऐसी तैसी कर रखी है। कुछ ब्लॉगर्स अपने मुँह मिया मिट्ठू बनते रहते हैं, लेकिन इस संकलन में हमने उनके ब्लॉग्स ले रखे हैं बशर्ते उनमें स्तरीय कंटैंट हो। डाइरैक्टरी में शामिल किए / नहीं किए गए ब्लॉग्स के बारे में आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा।
2. ITB के लोग ब्लॉग्स पर बहुत कम कमेंट कर पाते हैं और कमेंट तभी करते हैं जब विषय-वस्तु के प्रसंग में कुछ कहना होता है। यह कमेंट हमने यहाँ इसलिए किया क्योंकि हमें आपका ईमेल ब्लॉग में नहीं मिला। [यह भी हो सकता है कि हम ठीक से ईमेल ढूंढ नहीं पाए।] बिना प्रसंग के इस कमेंट के लिए क्षमा कीजिएगा।
बेहद सुन्दर रचना..
ReplyDelete:-)
bahut sundar rachna.....
ReplyDeleteअबे तू खान्ग्रेसी है क्या ?नहीं हैं तो यह पोस्ट पढ़ यदि हैं तो खिसक ले वर्ना अपनी पोल अपने आगे खुलता देखेगासनातन ब्लोगर्स वर्ल्डke rajniti par ki yah pahli post jarur padhen..
बदलती राहों में
ReplyDeleteसाथ पुराना चाहती है जिंदगी
फिर क्यों हर नयी राह पर
बदलाव चाहती है जिंदगी
ज़िन्दगी की उहापोह का शुक्ष्म चित्रण
बहुत सुन्दर रचना कविता जी...
ReplyDeleteअब आपका नया ब्लॉग भी देखती हूँ...
:-)
अनु