आज ईद है पर हमारे स्कूल में छुट्टी नहीं थी.सभी को गुस्सा आ रहा था.वैसे भी आज स्कूल का आखरी दिन था.२ मार्च से परीक्षाएं हैं । बच्चे भी पढ़ने के मूड में नहीं रहते। सभी सोच रहे थे की आज छुट्टी होती तो कितना अच्छा होता। कल घर जाते हुए सभी के मुह पर एक ही बात थी ,अरे यार!कल भी आना है। फिर भी हमने निश्चय किया ,की आज सब चटकीले रंगों की साड़ियाँ पहन कर आयेंगे।
आज स्कूल भी आधे दिन का था इसलिए बच्चे भी कम आये थे,और आखरी दिन था इसलिए वे भी पढ़ने के मूड में नहीं थे। सारा दिन टीचेर्स को थेंक्यु देने का सिलसिला चलता रहा । बच्चों ने पूछा भी आज क्या खास है सभी मेम साड़ी पहन कर क्यों आयी है? (हमारे यहाँ टीचेर्स सलवार सूत भी पहनती हैं) तो हमने कहा ,की आप को गुड लक कहने । बच्चे भी बड़े खुश हुए।
बच्चों की छुट्टी के बाद हमारी मीटिंग थी । मीटिंग चाहे कैसी भी हो सभी का मुंह बन जाता है । पर खैर जाना तो था। शुक्र है ज्यादा लम्बी नहीं थी तो हम जल्दी ही फुर्सत हो गए ।
मीटिंग के बाद मैं भागी और पर्स में से गुलाल की पुडिया निकाली और सभी के माथे पर टीका लगाया ,और होली है का धमाल मचाया। गुलाल लगते ही सब होली की मस्ती में आ गए और सबने खूब गाने गए,और डांस किया। फिर तो माहौल ही बदल गया। हंसी- मजाक ,ढेर साड़ी गपशप,और आगे भी चाहे छुट्टी मिले या न मिले ,इसी तरह खुश रहने का वादा भी सभी ने किया ।
तो इस तरह चुटकी भर गुलाल ने सभी के मन से छुट्टी न मिलाने का मलाल मिटा दिया ,वहीँ सब को साथ बैठ कर हंसने -बोलने का मौका दिया ।
तो इस होली आप भी न आलस कीजिये न कंजूसी लगाइए टीका गुलाल का अपनों के माथे पर और हो जाइये सराबोर होली की मस्ती में ।
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ !!!!!!
होली कि ढेर सारी शुभकामनयें .........
ReplyDeleteआपको होली पर्व की घणी रामराम.
ReplyDeleteरामराम
kavita ji ak bar fir se aapko holi ki mubarak bad..shubh kamnayen..
ReplyDeletedeveshji,tauji,kamleshji,aap sabhi ko bhi dher sari shubhakamnayen.
ReplyDeleteholi shabd me hi romanch chhupa hota hai.... phir gulal ka teeka... masti to aana hi hai... aur sabse badi baat ki aap vyastata mein se kaise khushi ke pal chura lete hain... holi par ek sunder sansmaran roopi aalekh ke liye rangmay... madhumay badhai...aapke bachhon ko pariksha ki shubhkaamna !
ReplyDeletebahoot sukriya
ReplyDeleteन तेरा- न मेरा, रंगों का है मेला
ReplyDeleteन गोरा- न काला, होली है पर्व निराला
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