Wednesday, February 17, 2010

स्त्री मूल्य


स्कूल से घर आते समय रास्ते पर भीड़ देखी,तो रुक कर लोगो से पूछा ,क्या हुआ?पता चला पास ही रहने वाले आदिवासी परिवार की एक लड़की को किसी लडके ने मोबाइल पर फोन किया और मिलने के लिए बुलाया.उस लडके को लड़की के घरवालों ने पकड़ लिया और अब उसकी धुलाई हो रही है। वह परिवार काफी दिनों से वहा रह रहा था ,और उस लड़की को भी मैं अच्छे से जानती थी ,इसलिए मैं भी उसे देखने वहा चली गयी । वहा जा कर देखा की जिस लडके ने फ़ोन किया था वह तो भाग गया पर उसका दोस्त पकड़ में आ गया,अब उसकी पिटाई हो रही थी.किसी तरह उसकी पिटाई बंद करवाई और उसके घरवालों को फोन करने को कहा। तभी लड़की का मामा आ गया और उसने भी लडके को ४-६ लात घूंसे जमा दिए आखिर लड़की की इज्जत से उनकी इज्जत है। बात करने पर पता चला की लड़की ने फ़ोन नंबर अपनी सहेली को दिया था और उस सहेली से उसके भाई ने ले लिया।
दूसरे दिन से लड़की का स्कूल जाना बंद हो गया,घर से निकलना बंद हो गया,सभी ने उसके माँ-पिताजी को समझाया ,लड़की है पढ़ लिख जायेगी तो बाद में उसका ही भला होगा पर पिता की चिंता थी लड़की के पढ़ने से उसका भला होगा जब होगा , पर अगर लड़की किसी के साथ भाग गयी तो उनका इतने साल उस पर लगाया पैसा डूब जायेगा। (भील-भिलालों में शादी पर लडके को स्त्री मूल्य देना पड़ता है )।

और मैं सोचने लगी उस लड़की के लिए स्त्री मूल्य जब मिलेगा तब मिलेगा पर आज स्त्री (लड़की)होने का जो मूल्य वो चूका रही है वह तो इस जनम में वसूल होने से रहा

11 comments:

  1. उस लड़की के लिए स्त्री मूल्य जब मिलेगा तब मिलेगा पर आज स्त्री (लड़की)होने का जो मूल्य वो चूका रही है वह तो इस जनम में वसूल होने से रहा

    सही लिखा आपने.

    रामराम.

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  2. bahoot he achha abhi samaaj ke sudar aane me samay lagega

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  3. किसी कि सोच बदलना बड़ा मुश्किल होता है .......काश उस लड़की के घरवालों को थोडा सा समझ आजाये कि पढाई का क्या महत्व है ?....

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  4. bahut marmik rachna.. dil ko chhoo gaya... jahrkhand mein bhi pehle hum aisa dekh chuke hain.. ek chhoti si galti se ladki ka jeena muhal ho jata hai....

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  5. सही लिखा आपने,......

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  6. आप भीलों की बात कर रही है, आज हमारे जैनों में यह हाल है कि लड़की वाले 25-25 लाख में अपनी लड़कियों को बेच/ब्याह रहे हैं। मैने कुछ समय पहले एक पोस्ट भी लिखी थी इस विषय पर जहाँ लड़कियों का पिता होना सौभाग्य की बात है
    अब स्त्री शिक्षा के ममले में भी जागृति आ रही है, लड़कियां लड़कों से ज्याद पढ़ भी रही है पर अब फायदा क्या जब चिड़िया...

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  7. बहुत अच्छा लिख रही हैं, लड़कियों के साथ उनका खून ही न्याय नहीं कर रहा औरों से क्या उम्मीदें रखेंगी !लड़कों को अक्सर अच्छे कालेज से मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा तो उसकी बहिन को साधारण ग्रेजुअशन, पत्राचार द्वारा उच्च शिक्षा अथवा दूकान से कम्पयूटर कोर्स करवाना आम बात है !
    भविष्य के लिए शुभकामनायें !!

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  8. isi tarah prahaar hota raha, to is samajik samasya ka nidaan jarur hoga.

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  9. बहुत खूब !!!
    उम्दा रचनायें हैं.

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