Wednesday, March 28, 2012

एहसास

उस पुरानी पेटी के तले में 
बिछे अख़बार के नीचे 
पीला पड़ चुका वह लिफाफा.

हर बरस अख़बार बदला 
लेकिन बरसों बरस
 वहीँ छुपा रखा रहा वह लिफाफा.

कभी जब मन होता है 
बहुत उदास 
कपड़ों कि तहों के नीचे 
उंगलियाँ टटोलती हैं उसे 

उसके होने का एहसास पा 
मुंद जाती है आँखे 
काँधे पर महसूस होता है 
एक कोमल स्पर्श
 कानों में गूंजती है एक आवाज़ 
में हूँ हमेशा तुम्हारे साथ 

बंद कर पेटी 
फिर छुपा दिया जाता है उसे 
दिल कि अतल गहराइयों में 
फिर कभी ना खोलने के लिए 
उसमे लिखा रखा है 
नाम पहले प्यार का. 

18 comments:

  1. बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति ।।

    सारे दुःख की जड़ यही, रखें याद संजोय |
    समय घाव न भर सका, आँखे रहें भिगोय ।

    आँखे रहें भिगोय, नहीं मांगें छुटकारा ।
    सीमा में चुपचाप, मौन ही नाम पुकारा ।

    रविकर पहला प्यार, हमेशा हृदय पुकारे ।
    दिख जाये इक बार, मिटें दुःख मेरे सारे ।।

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    1. यदि टिप्पणी अनर्गल लगे तो

      क्षमा करें ।

      dineshkidillagi.blogspot.com

      पर यह लिंक सहित है

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  2. वाह !!!!! बहुत सुंदर रचना,क्या बात है,बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति,

    MY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तुम्हारा चेहरा,

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  3. एक सहारा सदा के लिए....

    सादर।

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  4. पहले प्यार और उसकी कशिश कभी नहीं भुलाई जा सकती

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  5. खूबसूरत एहसास ॥

    आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 29-०३ -2012 को यहाँ भी है

    .... नयी पुरानी हलचल में ........सब नया नया है

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  6. बहुत ही खूबसूरत ज़ज्बात और उतनी ही सच्चाई से उकेरा गया ....सच कहा ऐसी ही कुछ धरोहरों के सहारे ज़िन्दगी बीत जाती है .....

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  7. bahut pyaare komal ehsaason ko shabdbadh ki ya hai .bahut achcha laga padhkar.

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  8. बहुत ही लाजवाब ... पढते पढते एहसास कहीं दूर ले जाते हैं ... इजन शब्दों से परे ... अतीत की यादों में ...

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  9. अनुपम भाव संयोजन लिए हुए उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ।

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  10. बहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति...

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  11. अत्यंत खूबसूरत रचना

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  12. बंद कर पेटी
    फिर छुपा दिया जाता है उसे
    दिल कि अतल गहराइयों में
    फिर कभी ना खोलने के लिए
    उसमे लिखा रखा है
    नाम पहले प्यार का.
    खूबसूरत

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  13. यह लिफाफा , जीवन की सुन्दर पल है !

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  14. पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...

    ....... खूबसूरत रचना के लिए बधाई स्वीकारें.

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नर्मदे हर

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