हर स्त्री और पुरुष के भीतर बहती है अंतस की नदी
https://storymirror.com/read/story/hindi/25sskg1s/ants-kii-ndii/detail
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अपने सारथी हम खुद अगले दिन सुबह उठे तो कहीं जाने की हड़बड़ी नहीं थी। आज हमें उन्हीं जगह पर जाना था जहाँ अपनी गाड़ी से जाया जा सकता था। कि...
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