tag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post6811605437952747484..comments2024-01-24T15:32:20.856+05:30Comments on कासे कहूँ?: जीवन के रंगkavita vermahttp://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-84944903831547522792011-11-15T17:00:59.776+05:302011-11-15T17:00:59.776+05:30बहुत बढियाबहुत बढियामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-69518063677342702162011-11-09T08:01:39.309+05:302011-11-09T08:01:39.309+05:30आपके पोस्ट पर आना सार्थक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आ...आपके पोस्ट पर आना सार्थक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । सादर।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-15423086835779434832011-11-08T15:50:43.016+05:302011-11-08T15:50:43.016+05:30बहुत रोचक पोस्ट...एक दम जीवंत यात्रा वृतांत....वाह...बहुत रोचक पोस्ट...एक दम जीवंत यात्रा वृतांत....वाह<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-30714810630630966462011-11-08T08:12:54.709+05:302011-11-08T08:12:54.709+05:30कभी कभी गाडी चलाना सचमुच चिंता का विषय बन जाता है....कभी कभी गाडी चलाना सचमुच चिंता का विषय बन जाता है. बढ़िया अनुभव शेयर करने के लिये बधाई. बेटियां ज्यादा संवेदनशील होती ही हैं.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-65398636658354602862011-11-08T07:43:42.621+05:302011-11-08T07:43:42.621+05:30बहुत सुन्दर और बार- बार पढ़ने की जिज्ञासा जाग्रत हो...बहुत सुन्दर और बार- बार पढ़ने की जिज्ञासा जाग्रत हो रही है । मेर पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-78557282366518010352011-11-07T19:51:29.446+05:302011-11-07T19:51:29.446+05:30पढ़ कर अतिसुन्दर लगा ! उससे भी ज्यादा ये की परिवार ...पढ़ कर अतिसुन्दर लगा ! उससे भी ज्यादा ये की परिवार के अन्दर एक संतुलन और आत्मविश्वास है ! गाड़ी चलते समय ज्यादा ही सतर्क रहें तो और अच्छा होगा ! थोड़ी सी चुक , जान लेवा हो सकती है ! देर से ही सही - दीपावली बीत गयी है -जीवन मंगलमय हो !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-2289738889455988622011-11-04T20:48:24.335+05:302011-11-04T20:48:24.335+05:30सुंदर मन की सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स...सुंदर मन की सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-54136745332711275862011-10-31T21:51:22.619+05:302011-10-31T21:51:22.619+05:30बहुत अच्छा लिखा है .बेहतरीन ...आभारबहुत अच्छा लिखा है .बेहतरीन ...आभारDivyadoothttps://www.blogger.com/profile/15960052892147995875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-49422853073903502062011-10-31T12:00:36.706+05:302011-10-31T12:00:36.706+05:30बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ...बेहतरीन प्रस्तुति ...बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ...बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-24858761085056730022011-10-30T13:20:52.792+05:302011-10-30T13:20:52.792+05:30हर काम कभी ना कभी पहली बार करना ही पड़ता है....फिर...हर काम कभी ना कभी पहली बार करना ही पड़ता है....फिर हाइवे पर का चलने से अच्छा क्या हो सकता है...लेह-लद्दाख बाई रोड जाने का विचार भी काफी प्रेरक है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-1210991143528674242011-10-29T19:44:03.559+05:302011-10-29T19:44:03.559+05:30दीवाली की शुभकामनाएं....दीवाली की शुभकामनाएं....Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-14024415095784661262011-10-29T18:16:35.911+05:302011-10-29T18:16:35.911+05:30संदेशपूर्ण सकारात्मक लेख।दीपावली व नववर्ष की सपरिव...संदेशपूर्ण सकारात्मक लेख।दीपावली व नववर्ष की सपरिवार शुभकामनाएं।Humanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-82228170223860128212011-10-29T17:53:52.826+05:302011-10-29T17:53:52.826+05:30सोच लेने पर कार्य आसान हो जाते हैं!सोच लेने पर कार्य आसान हो जाते हैं!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-38974256932803082202011-10-29T16:18:50.047+05:302011-10-29T16:18:50.047+05:30रोचक प्रेरक मनोवैज्ञानिक प्रसंग .रोचक प्रेरक मनोवैज्ञानिक प्रसंग .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-21604587926688746972011-10-29T15:36:00.258+05:302011-10-29T15:36:00.258+05:30जहां चाह वहां राह।
सासु मां के अच्छे स्वास्थ्य की ...जहां चाह वहां राह।<br />सासु मां के अच्छे स्वास्थ्य की कामना।<br />दीपावली की मंगलकामनाएं।डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-24990494211825495642011-10-29T14:56:25.918+05:302011-10-29T14:56:25.918+05:30बहुत सुन्दर रचना|
आपको तथा आपके परिवार को दिवाली क...बहुत सुन्दर रचना|<br />आपको तथा आपके परिवार को दिवाली की शुभ कामनाएं!!!!मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-20181786489877885332011-10-29T14:50:25.795+05:302011-10-29T14:50:25.795+05:30रोमांचक आलेख.रोमांचक आलेख.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-36588927888542140342011-10-29T13:25:57.475+05:302011-10-29T13:25:57.475+05:30THE WAY OF INKED THE PERSONAL VIEWS OF VERY BEST.THE WAY OF INKED THE PERSONAL VIEWS OF VERY BEST.DUSK-DRIZZLEhttps://www.blogger.com/profile/16442887153699718280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-36582759771345997492011-10-29T12:46:53.788+05:302011-10-29T12:46:53.788+05:30वाह आपने तो कमाल कर दिया……………वैसे अपनो के साथ से ह...वाह आपने तो कमाल कर दिया……………वैसे अपनो के साथ से ही हौसला बढता है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-61544179501970269112011-10-29T11:48:05.473+05:302011-10-29T11:48:05.473+05:30अभी तक जिस बुढ़ापे को किताबों में पढ़ा था फिल्मों ...अभी तक जिस बुढ़ापे को किताबों में पढ़ा था फिल्मों में देखा था उस की विवशता को अपने सामने इतने पास आज पहली बार देख रही थी....<br /><br />हाँ मैंने भी पहली बार ये विवशता देखी ....<br />अपने पिता श्वसुर में ...<br />उफ्फ......<br />वो बोन कैंसर से पीड़ित हैं .....<br />और बेहद दर्दनाक और लाचारी की अवस्था में से गुजर रहे हैं ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-10338646616670953912011-10-29T11:34:59.558+05:302011-10-29T11:34:59.558+05:30मन में हो हौसला तो हर डगर आसान लगती है | बस इसी वि...मन में हो हौसला तो हर डगर आसान लगती है | बस इसी विशवास को बनाएँ रखें | बाकी सब समय पर छोड़ दें |tips hindi mehttps://www.blogger.com/profile/01058993784424803727noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-88270072205391777852011-10-29T10:36:12.873+05:302011-10-29T10:36:12.873+05:30This comment has been removed by the author.संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-45544760387443882912011-10-29T10:10:10.033+05:302011-10-29T10:10:10.033+05:30उत्तम प्रस्तुति, आभारउत्तम प्रस्तुति, आभारS.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-75420476887016531932011-10-29T09:20:54.785+05:302011-10-29T09:20:54.785+05:30सही मे यह जीवन भी किसी गाड़ी की तरह है कभी स्पीड बढ...सही मे यह जीवन भी किसी गाड़ी की तरह है कभी स्पीड बढ जाती है तो कभी बहुत कम हो जाती है। बस इस स्पीड को नियंत्रित करके ही चलना पड़ता है। <br />आंटी जी की तबीयत का ध्यान रखिएगा। <br />बहुत अच्छा लगा पढ़ कर।<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-17418000313184341692011-10-29T08:44:32.879+05:302011-10-29T08:44:32.879+05:30आपके लिखने की शैली इतनी रोचक है कि पूरा एक सांस मे...आपके लिखने की शैली इतनी रोचक है कि पूरा एक सांस में पढ़ गया। पढ़ते-पढ़ते यही भाव थे के हे भगवान सकुशल पहुंच जायं। यह आपके लेखन शैली का ही कमाल है। <br />जीवन की हर घटना हमें कुछ न कुछ सीखाती है। महसूस करने और समझने की आवश्यकता है। <br />..बहुत बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com