tag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post6300010194139300418..comments2024-01-24T15:32:20.856+05:30Comments on कासे कहूँ?: आईनाkavita vermahttp://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-62858592426202695422011-04-27T16:14:27.401+05:302011-04-27T16:14:27.401+05:30Khubsurat...bedaag rachana....Khubsurat...bedaag rachana....Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-47828183381126611592011-04-25T13:38:05.583+05:302011-04-25T13:38:05.583+05:30-------- यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का...-------- यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो<br />आईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये...<br />अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें. <br />इस ब्लॉग के लेखक बनने के लिए. हमें इ-मेल करें.<br />हमारा पता है.... hindukiawaz@gmail.com<br />समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे<br />देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच<br /><a href="http://vishvguru.blogspot.com/2011/04/blog-post_24.html/" rel="nofollow">क्या यही सिखाता है इस्लाम...? क्या यही है इस्लाम धर्म</a>हल्ला बोलhttps://www.blogger.com/profile/12194388500228751046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-40176892263391962852011-04-20T18:48:53.175+05:302011-04-20T18:48:53.175+05:30आईने के माध्यम से आत्म चिंतन.
बहुत खूब.आईने के माध्यम से आत्म चिंतन.<br />बहुत खूब.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-68620067067612220642011-04-20T15:49:02.617+05:302011-04-20T15:49:02.617+05:30कविता जी,नमस्कार.
"आईने के सामने से हटते ही
म...कविता जी,नमस्कार.<br />"आईने के सामने से हटते ही<br />मेरा चेहरा फिर था <br />खूबसूरत, बेदाग"-- सच तो यही है.आईने से अलग होकर ही कोई अपने भीतर छिपी सुन्दरता को देख सकता है,अच्छी-बुरी बातों को पीछे तक जाकर देख सकता है.अपनी खामियों पर चिंतन कर सकता है क्योंकि वहां उसके साथ कोई होता है जो आत्म निरिक्षण में उसकी सहायता करता है. .बाह्य दर्पण तो सौन्दर्यबोध को सीमित कर देता है. बहुत ही गूढ़ अर्थ को समेट कर बढ़ती सुंदर रचना.Rajivhttps://www.blogger.com/profile/05867052446850053694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-79470287224195025782011-04-20T15:23:41.709+05:302011-04-20T15:23:41.709+05:30bahut surdar...bahut surdar...budding florethttps://www.blogger.com/profile/04246371509712164367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-65794038731214949242011-04-20T14:11:57.048+05:302011-04-20T14:11:57.048+05:30गुज़रा हुवा वक़्त बहुत से निशान छोड़ता है ... ज़रू...गुज़रा हुवा वक़्त बहुत से निशान छोड़ता है ... ज़रूरत है बस अच्छे दाग देखने की ... बहुत ही लाजवाब रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-73367247180955997642011-04-16T16:45:59.548+05:302011-04-16T16:45:59.548+05:30चाहा न देखूं इस अक्स को
पर जीवन के साथ जुड़ा है ये...चाहा न देखूं इस अक्स को<br />पर जीवन के साथ जुड़ा है ये<br />इस कदर<br />कि इससे दूर जाना नहीं है संभव<br />कि नहीं हो सकता अब<br /><br />वाकई ऐसी रचनाएं कम ही पढने को मिलती हैं। बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-4562273718709367322011-04-15T23:21:03.956+05:302011-04-15T23:21:03.956+05:30चाहा न देखूं इस अक्स को
पर जीवन के साथ जुड़ा है ये...चाहा न देखूं इस अक्स को<br />पर जीवन के साथ जुड़ा है ये<br />इस कदर<br />कि इससे दूर जाना नहीं है संभव<br />कि नहीं हो सकता अब <br /><br />मेरा चेहरा फिर खूबसूरत बेदाग<br />कि आईना है ये जिंदगी का<br />इससे दूर नहीं हो सकता मै <br /><br />bahut sundar ....Vijuy Ronjanhttps://www.blogger.com/profile/05204504837179424572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-1479678755990185342011-04-15T21:29:38.075+05:302011-04-15T21:29:38.075+05:30अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके...अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....hamarivanihttps://www.blogger.com/profile/13556207298223545364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-20872867195944798922011-04-15T12:01:36.970+05:302011-04-15T12:01:36.970+05:30कि आईना है ये जिंदगी का
इससे दूर नहीं हो सकता मै.....कि आईना है ये जिंदगी का<br />इससे दूर नहीं हो सकता मै.....<br /><br />Behtareenमेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-87543816322167332942011-04-14T21:59:47.200+05:302011-04-14T21:59:47.200+05:30khoobsoorat kvita
sahitya surbhikhoobsoorat kvita <br /><a href="http://sahityasurbhi.blogspot.com" rel="nofollow">sahitya surbhi</a>दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-36471060421128455862011-04-14T20:06:02.152+05:302011-04-14T20:06:02.152+05:30मेरा चेहरा फिर खूबसूरत बेदाग
कि आईना है ये जिंदगी ...मेरा चेहरा फिर खूबसूरत बेदाग<br />कि आईना है ये जिंदगी का<br />इससे दूर नहीं हो सकता मै<br />अंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं सुन्दर रचना, बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-29478769942029592902011-04-14T19:14:04.187+05:302011-04-14T19:14:04.187+05:30bahut khoobsurat...bahut khoobsurat...amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-78152951579489540542011-04-14T18:28:56.487+05:302011-04-14T18:28:56.487+05:30ज़िन्दगी को आइना दिखाती खूबसूरत रचना| आभार|ज़िन्दगी को आइना दिखाती खूबसूरत रचना| आभार|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-75131502224681900002011-04-14T11:56:44.012+05:302011-04-14T11:56:44.012+05:30पर जीवन के साथ जुड़ा है ये
इस कदर
कि इससे दूर जाना...पर जीवन के साथ जुड़ा है ये<br />इस कदर<br />कि इससे दूर जाना नहीं है संभव<br />कि नहीं हो सकता अब <br /><br />हमारा कर्म सदा हमारे साथ जुड़ा रहता है और हम चाहकर भी उससे जुदा नहीं हो सकते ...आईने के माध्यम से आपने जीवन की बहुत सी सच्चाईयों को सामने लाया है ...आपके ब्लॉग पर आकर सुखद अनुभव हुआ ....आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-36126842130321509632011-04-14T10:06:58.292+05:302011-04-14T10:06:58.292+05:30@कि आईना है ये जिंदगी का
ज़िन्दगी का आइना दिखाती ...@कि आईना है ये जिंदगी का<br /><br />ज़िन्दगी का आइना दिखाती रचना।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-34059765275424639372011-04-14T08:43:20.923+05:302011-04-14T08:43:20.923+05:30जीवन के सच को दिखाती आईना कविता अच्छी लगी... गद्य ...जीवन के सच को दिखाती आईना कविता अच्छी लगी... गद्य के साथ साथ आप कविता भी अच्छी लिखती हैं..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-65228445232254627262011-04-14T07:05:15.431+05:302011-04-14T07:05:15.431+05:30कि नहीं हो सकता अब
मेरा चेहरा फिर खूबसूरत बेदाग
कि...कि नहीं हो सकता अब<br />मेरा चेहरा फिर खूबसूरत बेदाग<br />कि आईना है ये जिंदगी का<br />इससे दूर नहीं हो सकता मै <br /><br /><br />गहन आत्मचिंतन -<br />सही विश्लाशन -<br />सुंदर रचना ...!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-52824841157917503372011-04-13T23:36:16.313+05:302011-04-13T23:36:16.313+05:30बहुत सुन्दर भाव.
आईने के माध्यम से आत्म चिंतन.
बह...बहुत सुन्दर भाव.<br />आईने के माध्यम से आत्म चिंतन. <br />बहुत खूब.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-8560848699450972762011-04-13T20:41:14.721+05:302011-04-13T20:41:14.721+05:30जब मन दर्पण हो जाय तभी दिखती हैं अपनी कमियाँ।
...ब...जब मन दर्पण हो जाय तभी दिखती हैं अपनी कमियाँ।<br />...बहुत बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-73409853049485289492011-04-13T17:22:05.645+05:302011-04-13T17:22:05.645+05:30ये थे जीवन के वो पल
जो सने थे ईर्ष्या, द्वेष ,धोखे...ये थे जीवन के वो पल<br />जो सने थे ईर्ष्या, द्वेष ,धोखे से<br />स्वार्थ के दाग जो थे<br />बड़े भद्दे और डरावने<br />अनायास ही पहुंचा मेरा हाथ<br />हटाने उन धब्बों को<br />कितने गहरे जमे थे वो<br />छू भी न पाया उन्हें<br /><br />बहुत ही सुंदर रचना..ध्यान से देखने पर सभी को धुंधला दिखाई देगा अपना चेहरा पर हम अपना नहीं दूसरों का देखते हैं...<br />बहुत सुंदर....<br />आप भी आइए....<br />आपका ब्लॉग भी फॉलो कर रही हूं...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-14306684873296283612011-04-13T16:50:17.445+05:302011-04-13T16:50:17.445+05:30गहन भावों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।गहन भावों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-74800278800606815952011-04-13T16:41:09.876+05:302011-04-13T16:41:09.876+05:30sundar prastuti...sundar prastuti...neelima garghttps://www.blogger.com/profile/07014867750280659771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-26567606379738797732011-04-13T16:18:11.223+05:302011-04-13T16:18:11.223+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (14-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-77850076787735774672011-04-13T11:04:31.758+05:302011-04-13T11:04:31.758+05:30यूँ ही बैठे फुर्सत में
झाँका अपने अतीत में
कुछ पल ...यूँ ही बैठे फुर्सत में<br />झाँका अपने अतीत में<br />कुछ पल ख़ुशी के<br />कुछ दोस्ती और प्रेम के<br />चमकते इन पलों से<br />था रोशन मेरा चेहरा<br />लेकिन इस पर भी<br />नज़र आये कुछ दाग<br />दिखा चेहरा धब्बेदार<br />कोशिश करते पहचानते<br />इन धब्बों को<br />ये थे जीवन के वो पल<br />जो सने थे ईर्ष्या, द्वेष ,धोखे से<br />स्वार्थ के दाग जो थे<br />बड़े भद्दे और डरावने<br />अनायास ही पहुंचा मेरा हाथ<br />हटाने उन धब्बों को<br />कितने गहरे जमे थे वो<br />छू भी न पाया उन्हें<br />bahut badhiyaa vishleshanरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com