tag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post5703443046359054918..comments2024-01-24T15:32:20.856+05:30Comments on कासे कहूँ?: यादों का अंकुश kavita vermahttp://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-45958115466113184492013-03-01T14:04:48.177+05:302013-03-01T14:04:48.177+05:30बढ़िया |
समय मिलने पर गौर फरमाएं और लेखन पसंद आन...बढ़िया | <br /><br />समय मिलने पर गौर फरमाएं और लेखन पसंद आने पर अनुसरण करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a>Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-47597093469208399802013-02-19T10:33:45.445+05:302013-02-19T10:33:45.445+05:30कहानी हालांकि एक नित होने वाला अनुभव है लेकिन आपने...कहानी हालांकि एक नित होने वाला अनुभव है लेकिन आपने कहानी का प्रस्तुतीकरण सर्वोतम ढंग से किया है। शब्द बांधे रखते है शुरू से अंत तक ! पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-3230662110635510932013-02-15T23:22:02.631+05:302013-02-15T23:22:02.631+05:30होता है ऐसा भी...... मर्मस्पर्शी संस्मरण होता है ऐसा भी...... मर्मस्पर्शी संस्मरण डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-2584997412511454482013-02-13T19:52:21.616+05:302013-02-13T19:52:21.616+05:30कभी कभी छोटी छोटी बातें भी मन पर गहरा असर छोड़ती ह...कभी कभी छोटी छोटी बातें भी मन पर गहरा असर छोड़ती हैं ....!!<br />बहुत अच्छा संस्मरण ....<br />शुभकामनायें ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-52323305571125899972013-02-10T00:04:59.765+05:302013-02-10T00:04:59.765+05:30सुन्दर संस्मरण...बहुत बहुत बधाई...
सुन्दर संस्मरण...बहुत बहुत बधाई...<br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-15184492485592322042013-02-09T12:43:17.590+05:302013-02-09T12:43:17.590+05:30आप एक अच्छे दिल की मालकिन हैं , इसके लिए ठेस ना लग...आप एक अच्छे दिल की मालकिन हैं , इसके लिए ठेस ना लगे सो मंगल कामनाएं भेजता हूँ !<br />अच्छा लिखती हो ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-42666967785525434872013-02-07T20:18:35.159+05:302013-02-07T20:18:35.159+05:30मन को छूता बहुत ही सुंदर स्मरण
RECENT POST: रिश...<b>मन को छूता बहुत ही सुंदर स्मरण </b><br /><br /><b>RECENT POST</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/02/blog-post_7.html#links" rel="nofollow">: रिश्वत लिए वगैर...</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-31083181628072277722013-02-07T17:45:51.543+05:302013-02-07T17:45:51.543+05:30बहुत बढि़या कविता/लेखन हैं- सारिक खान
http://sari...बहुत बढि़या कविता/लेखन हैं- सारिक खान<br /><br />http://sarikkhan.blogspot.in/Sarik Khan Filmcritichttps://www.blogger.com/profile/17714145637617737121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-56752924422859358612013-02-07T15:59:45.130+05:302013-02-07T15:59:45.130+05:30ह्रदय को छू गई आपकी पोस्ट ...ह्रदय को छू गई आपकी पोस्ट ...राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-18444687059193642152013-02-04T16:37:33.916+05:302013-02-04T16:37:33.916+05:30कुछ घटनाएँ जीवन को प्रभावित करती हैं और अपनी छाप छ...कुछ घटनाएँ जीवन को प्रभावित करती हैं और अपनी छाप छोड़ जाती हैं. वर्ग विभिन्नता का उदाहरण, पर क्या किया जाए... मन को छू गई लेखनी. शुभकामनाएँ. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-6653938424368367612013-02-01T12:55:32.452+05:302013-02-01T12:55:32.452+05:30बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .ह्रदय को छू ...बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .ह्रदय को छू लेने वाली रचना.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-24480789312606307242013-01-30T09:37:28.909+05:302013-01-30T09:37:28.909+05:30
ऐसे में मन कितना कचोटता है ...कि काश ! ...और वह क...<br />ऐसे में मन कितना कचोटता है ...कि काश ! ...और वह काश न जाने कितने रोज़ ..वजह बेवजह परेशान करता रहता है ...और फिर कुछ समय के बाद विलीन हो जाता है...ऐसे में एक बात तो ज़रूर मन में उठती है ..ढृढ़ निश्चय बनकर ..की अगली बार ऐसा नहीं होने दूँगी ...है न ....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-34986434751027927492013-01-26T19:13:29.326+05:302013-01-26T19:13:29.326+05:30ह्रदय को छू लेने वाली रचनाह्रदय को छू लेने वाली रचनाNitin Dutt Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/17419741598908404073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-24179457890245520642013-01-21T07:39:19.809+05:302013-01-21T07:39:19.809+05:30जबरदस्त!!जबरदस्त!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-47336886507902087752013-01-20T16:12:24.221+05:302013-01-20T16:12:24.221+05:30ऐसे कई पल जीवन में आते हैं जो मिश्रित भाव छोड़ जात...ऐसे कई पल जीवन में आते हैं जो मिश्रित भाव छोड़ जाते हैं मानस पटल पर ...ओर हमेशा ताज़ा यादों में रहते हैं ... सामने आते रहते हैं ...<br />मन को छू गई आपकी पोस्ट ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-53813309260887399482013-01-18T22:40:12.578+05:302013-01-18T22:40:12.578+05:30माल संस्कृति ने फालतू की खरीदारी को भी बढ़ावा दिया...माल संस्कृति ने फालतू की खरीदारी को भी बढ़ावा दिया ही है..बोरियत दूर करने का ज़रिया एक दूसरा पहलू है.लेख के आखिरी हिस्से में जो किस्सा आप ने बताया वाकई दिल को छू गया..ऐसी घटनाएँ कभी भूलती नहीं हैं .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-81909870016992220582013-01-18T16:51:55.926+05:302013-01-18T16:51:55.926+05:30मन को छूती पोस्ट ... एक अमिट याद को साझा करने का ...मन को छूती पोस्ट ... एक अमिट याद को साझा करने का आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-77304862999747175572013-01-18T12:26:18.542+05:302013-01-18T12:26:18.542+05:30कुछ घटनाएँ मन पर अमिट छाप छोड़ जाती हैं .... संवे...कुछ घटनाएँ मन पर अमिट छाप छोड़ जाती हैं .... संवेदनशील संस्मरण संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-15371713096781658352013-01-17T23:36:01.855+05:302013-01-17T23:36:01.855+05:30कभी कभी मन यूँ ही भर भर जाता है यही संसार सार है ....कभी कभी मन यूँ ही भर भर जाता है यही संसार सार है . Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-7378883832673567262013-01-17T22:50:25.638+05:302013-01-17T22:50:25.638+05:30ऐसी घटनाएँ मन पर हमेशा के लिए अपनी याद छोड़ जाती है...ऐसी घटनाएँ मन पर हमेशा के लिए अपनी याद छोड़ जाती हैं, कई बार हम चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते कि कहीं सामने वाले के स्वाभिमान पर आघात ना लग जाये... संवेदनशील मन के सुन्दर उद्गार...आभार संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-61710866639189607982013-01-17T22:17:59.437+05:302013-01-17T22:17:59.437+05:30बहुत संवेदनशील प्रस्तुति...आज मॉल संस्कृति में हम ...बहुत संवेदनशील प्रस्तुति...आज मॉल संस्कृति में हम ये सब अहसास कहाँ देख पाते हैं..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7609642450164936531.post-76407247385832502662013-01-17T21:46:23.473+05:302013-01-17T21:46:23.473+05:30बाजार जाएं तो ऐसी घटनाओं से आमतौर पर कभी ना कभी सभ...बाजार जाएं तो ऐसी घटनाओं से आमतौर पर कभी ना कभी सभी रुबरू हुए होंगे, लेकिन संवेदनशील मन ही इसे अपने जेहन में समेट लेता है और ये बातें मन के भीतर ऐसी जगह बना लेती हैं कि आप कितना भी भूलना भुलाना चाहें, आसान नहीं होता है।<br /><br />ये घटना तो मन को छू ही गई, लेकिन आपके मन की संवेदनशीलता को नमन ना करुं तो आपकी आपबीती से न्याय नहीं होगा। <br /><br />बढिया, सबके लिए आत्ममंथन जरूरी है। आभार महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/18051207879771385090noreply@blogger.com